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आपसे ही है जब उल्फ़त क्यों तक़ाज़ा कर गये प्यार शायद आपसे हद से ज़ियादा कर गये आप थे सबसे अलग ये बात मालुम है हमें झूठ कहने का कहें फिर क्यों ये वादा कर गये अब तलक नादान हैं हम उम्र आधी हो गयी पूरा करने जो मिले थे हमको आधा कर गये रंग तेरे में रंगी राधा को रंग भायेगा क्या कान्हा लेकिन भूलकर राधा को सादा कर गये बैठना थककर कभी देखो हमें आता नहीं 'भवि' मुसीबत में भी मंज़िल का इरादा कर गये