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गत शनिवार (28 अपै्रल 2018) कोलकाता के राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी ने जयपुर राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल को पण्डित मोतीलाल साक़ी साहित्य पुरस्कार प्रदान किया। ‘साहित्य पर विस्थापन का प्रभाव’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के विभिन्न प्रांतों से आये साहित्यकार उपस्थित थे। श्री त्रिपाठी ने संगोष्ठी की अध्यक्षता भी की।
केंद्रीय हिन्दी संस्थान नई दिल्ली के निदेशक श्री अवनीश कुमार एवं भारतीय भाषा परिषद कोलकाता की श्रीमती कुसुम खेमानी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी कश्मीरी संगम की महासचिव डाॅ. बीना बुदकी ने किया।
वर्ष 2018 में दिशा प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित उपन्यास ‘अक़ाब’ का मूल कथानक यद्यपि अमेरिका के विश्व व्यापार केंद्र पर अलकायदा के हवाई हमले से सम्बन्धित है, फिर भी इसमें एक जापानी युवक के विस्थापन का दंश भी प्रमुख रूप से आता है। उल्लेखनीय है कि प्रबोध कुमार गोविल का पिछला उपन्यास ‘जल तू जलाल तू’ नौ भाषाओं में प्रकाशित होकर चर्चित व लोकप्रिय हो चुका है।
- हिमांशु जोनवाल