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शेक्सपियर ने कहा था नाम में क्या रखा है पर क्या शेक्सपियर किसी और नाम से जाना जाता है? किसी और नाम से याद किया जाता है? गांधी, लेनिन इत्यादि भी तो नाम से ही जाने जाते हैं यदि उनका कोई और नाम होता तो वह उसी नाम से जाने जाते नाम में ही तो सब कुछ है इसीलिये तो सब में यह जज्बा होता है कि उनका नाम हो और लोग उन्हें जानें, पहचानें किसी के जग से जाने के बाद उसके कर्मों को नाम से ही तो सम्बद्ध किया जाता है इसलिये नाम में ही सब कुछ है नाम में ही तो सब कुछ है