मुखपृष्ठ
(1) सड़क सूनी भीड़ जाने कहाँ है सन्नाटा खूब। (2) पेड़ हिलते डा़ली टूट जाती है दर्द अनेक। (3) जमीन तपी धूप तेवर लाती जनता सन्न। (4) आँखें भीगी सी आँसू लुढ़कते है दुखी औरत।