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माँ ! मैं तो छोटी सी चिनगारी पूरी ताकत के साथ लड़ के बुझ जाती हुं लेकिन माँ ! मैं तुझे कुछ बात कहना भूल ही गई | गैंगरेप दौडती बस में ही हो एसा नही है | संवेदना प्रकट करने हेतु निज की खूश्बु ले इकठ्ठे हुए फूलो पर वाटरगन, टीयरगेस और लाठियों से टूट पड़ना,क्या इसे गैंगरेप नही कहा जाता? जल्दी में नींद से जागे और नींद में आँखें मलते हर रोज की तरह कोरी हामी दे, फ़िर से नमँगमँ जगह में सो जाना, क्या इसे गैंगरेप नही कहा जाता? आँखो के सामने ही एक कोमल लता को मूल समेत उखा़ड फैकना फिर माँ ! चेहरे पर कोई असर नही ! पूरी घटना को एन्केश करने चारो और हलचल हो जाती, क्या इसे गैंगरेप नही कहा जाता? लड़ते लड़ते शांत हुइ एक छोटी पल जो सलामती के कारण चुपचाप अाग के हवासे कर दी जाती है, क्या इसे गैंगरेप नही कहा जाता? माँ ! मैं अच्छी तरह जानती हूँ, देखना कुछ ही दीनो में मेरी बनाई चिनगारी चालाकी से बुझा दी जाएगी, और फ़िर ये राह जोड दी जायेगी, एक दौड़ती बस के लिए | लेकिन, माँ ! गैंगरेप करने वाले सिर्फ दौडती बस में ही हो, ऐसा नही है |