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दिल तेरा माँग क्या लिया मैंने चैन अपना गँवा लिया मैंने रूह से रूह को तो राहत है फ़ोन उसको मिला लिया मैंने साथ जिसके सुकून मिलता है सिलसिला वो बना लिया मैंने देख आँखों में शर्म उसके फिर सर अपना झुका लिया मैंने आप मुझको सदा ही चाहेंगे ख़ुद ही ख़ुद को बता लिया मैंने बाद मुद्दत उसे मिली जो 'भवि' आज एहसां जता लिया मैंने