दस एकम दस,
दस दूनी बीस,
खुद को समझना मत बच्चो,
किसी से भी उन्नीस ।
दस तीए तीस,
दस चौके चालीस,
कभी न करना बेइमानी तुम,
रहना हरदम खालिस ।
दस पंजे पचास,
दस छेके साठ,
पढते रहना हरदम बच्चो,
सदाचार के पाठ ।
दस सत्ते सत्तर,
दस अट्ठे अस्सी,
जीवन भर तुम खींच के रखना,
चंचल मन की रस्सी ।
दस नामे नब्बे,
दस दाये सौ,
मेहनत से है मिलता जो भी,
कभी न देना खो ।