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नज़र के सामने...... उल्फ़त ने मारा। जिधर जाऊँ...मुझे खिलवत ने मारा। 1 बिना समझे किया था... प्यार सबसे, वही उल्फ़त,....वही वहशत ने मारा। 2 तकाजा वक्त का,...मुझ पर सही था, मगर मुझको.. मिरी किस्मत ने मारा। 3 ये दुनिया खूब..........फरेबी है यारो, मुसीबत मे फँसा,....इज्जत ने मारा। 4 इरादा नेक था..."योगी" का फिर भी, शराफ़त और.....बस चाहत ने मारा। 5 मुश्किल शब्दों के अर्थ उल्फ़त = प्यार खिलवत = अकेलापन वहशत = पागलपन