आँख में शोले दिल में अगन चाहिए !
सर पे होना बंधा क्यों कफ़न चाहिए ?
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कर चले हैं जो धोखा उन्हें पूछ लो |
तुम को धन चाहिए या वतन चाहिए ?
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अब न छूना मेरे ताज कश्मीर को |
गर सलामत तुम्हें जानो तन चाहिए ?
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कौन कहता है मुश्किल है मंजिल यहाँ |
काम करने का जज्बा लगन चाहिए |
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हो गए हैं जो कैदे मुहब्बत उन्हें |
नाम अपने जमीं औ गगन चाहिए |
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जो दिखाए सभी पर्वतो घाटियाँ |
मुझ को ऐसा कोई पैरहन चाहिए |
फैसला कर लिया है ये आलोक ने |
आप जैसा ही मुझ को सनम चाहिए |