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(1) नदियां मुझ से कर रहीं, चुभता एक सवाल। कहाँ गया पर्यावरण ,जीना हुआ मुहाल।(2) तान कुल्हाड़ी है खड़ा ,मानव जंगलखोर। मिटा रहा पर्यावरण ,चोर मचाये शोर।(3) बादल से पूछो जरा ,पानी की औकात। बूंद बूंद पर लिखी है ,पर्यावरणी बात।(4) पर्यावरण मिटा रहे ,रेतासुर कंगाल। सिसक सिसक नदिया करे ,सबसे यही सवाल।(5) कूड़ा करकट फेंकते ,नदियों में सामान। फिर बांटे सब ओर हम ,पर्यावरणी ज्ञान।(6) पर्यावरण पर लिखना ,मुझको एक निबंध। सांसे एक दिन बिकेंगी ,करलो सभी प्रबंध।(7) हिमखंडों का पिघलना ,और सूरज का ताप । पर्यावरण मिटा रहा ,मानव करके पाप।(8) दूषित पर्यावरण से ,रोग हज़ारों होंय। तन मन धन सब मिटत है ,चैन ख़ुशी सब खोंय।(9) गौरैया दिखती नहीं ,गलगल है अब दूर। पर्यावरणी साँझ में ,पंछी सब बेनूर।(10) जंगल पर आरी चले ,पर्यावरणी घात। रिश्ते सब मरते हुए ,चिंता है दिन रात।(11) ग्रीष्म ,शरद ,बरसात हैं ,जीवन के आधार। स्वच्छ रहे पर्यावरण ,ऐसे रखो विचार।(12) हरियाली के गीत में ,प्यार भरा पैगाम। पर्यावरण सुधारिये ,स्वस्थ रहो सुखधाम।(13) ओज़ोन क्षरण से हुआ ,तापमान अतितप्त। दूषित है पर्यावरण ,जीवन है अभिशप्त।(14) वृक्ष हमारे मित्र हैं ,वृक्ष हमारी जान। वृक्षों की रक्षा बने ,पर्यावरणी शान।(15) काट दिए जंगल सभी ,कांक्रीट हर छोर। दूषित कर पर्यावरण ,हम विकास की ओर।(16) वृक्षारोपण कर करें ,उत्सव की शुरुआत। पर्यावरण की सुरक्षा ,सबसे पहली बात।(17) हरे वृक्ष जो काटते ,उनको है धिक्कार। पर्यावरण बिगाड़ते ,वो सब हैं मक्कार।(18) जंगल के रक्षक बनो ,करके ये संकल्प। हरी भरी अपनी धरा ,पर्यावरण प्रकल्प।(19) वायु अब बदहाल है ,पर्यावरण विनिष्ट। दुष्ट प्रदुषण हंस रहा ,दे ना ना से कष्ट।(20) प्राणवायु देकर हमें ,वृक्ष बचाएं जान। पर्यावरण सुधारते ,जैवविविधता मान।(21) धरती बंजर हो गयी ,बादल गए विदेश। पर्यावरण बिगाड़ कर ,लड़ते सारे देश।(22) प्यासे पनघट लग रहे ,प्यासे सारे खेत। पर्यावरण विभीषिका ,लूटी सारी रेत।(23) सदियां सजा भुगत रहीं ,निज स्वार्थों को साध। पर्यावरण विनिष्ट है ,है किसका अपराध।(24) जल ही जीवन है सदा ,जल पर वाद विवाद। पर्यावरण विषाक्त है ,पीढ़ी है बर्बाद।(25) मानव स्वार्थो से घिरा ,बेचें सारे घाट। पर्यावरण निगल गया ,नदी ताल को पाट।(26) पृथ्वी माता जगत की ,हम सब हैं संतान। पर्यावरण सवांरिये ,दे इसको सम्मान।(27) जल ,वायु ,पर्यावरण ,वृक्ष ,जीव ,इंसान। पर्यावरण बचाइए ,तभी बचेगी जान।