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[2212 2212 1222 2] ## है कौन,जो तन्हाई को सदा देता है मुझको कभी,बन के सबा हिला देता है ## मैं सुनने का आदी नहीं,मगर कानो में सुर-ताल-नगमा सा कहीं,सुना देता है ## हिलती रही दीवार पर,तेरी परछाई अहसास, अक्स कई तरह,बना देता है ## जिस राह पर होती रही मुलाकाते,आज उस रास्ते पहरा कोई बिठा देता है ## गुमनाम से अँधेरे हम निकल भी आये हालात जीना, हाल हर सीखा देता है ## अंजान सा बैठा छिपा हुआ नासूर अब खुद हरकतों अपनी कभी डरा देता है ## मत सोचना, मेरे कदम के नक्शो चलना जंगल करीब यकबयक पहुचा देता है ## है तलब हमको तेरी किया क्या जाए ये नाव गलत सुराख ही डुबा देता है ## मजबूरियां है या समय फरेबी जाने दीवार साझा बीच में उठा देता है ##