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भीड़ और भेड़ समान नहीं है भेड़ श्रेष्ठ है भीड़ से। भेड़ अंध अनुगामी है किंतु भेद नहीं करती हिंदू-मुस्लिम, जात-पात में। भेड़ बलिदानी है वह प्राण नहीं लेती निरपराध का। भेड़ का कोई लोकतंत्र नहीं वह चुनती नहीं गुंडे, मवाली, हत्यारों को।