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बहना का तो प्यार है, भाई का विश्वास ! राखी की इस डोर में,रिश्तों का अहसास !! उत्साहित है हर नगर ,शहर गली बाजार ! रक्षा बंधन का पुनित, ...आया है त्यौहार !! राखी का त्योहार है,,,सजने लगी दुकान ! हर बहना के हाथ में, दिखता है मिष्ठान !! फीका फीका सा लगे, राखी का त्यौहार ! जी अस टी के साथ मे,आया जो इस बार!! कन्या भ्रूण का कोख में, करते है सँहार ! खतरे में लगने लगा,बहनों का त्यौहार !! हो जाता है कोख में, कन्या भ्रूण सँहार ! कैसे होगी भावना, राखी की साकार !! कन्याओं के साथ में, ..किया हुआ खिलवाड़ ! दुनिया को ही एक दिन ,देगा सकल उजाड़ !! बेटे को इज्जत मिले,. बेटी को दुत्कार ! रक्षाबंधन का वहां,रहा नहीं फिर सार !! रिश्तों के इतिहास मे, शोभित है भूगोल ! भ्राता भगिनी नेह के,,ये बंधन अनमोल !! रिश्ता मीठा इस तरह,ज्यों मिश्री का घोल ! बहन भ्रात के बीच का,ये बंधन अनमोल ! ! रहे हमेशा बीच मे,हम दोनो के प्यार ! राखी मेरी भ्रात ये, कर लेना स्वीकार !! जीवन मे होना नही,कभी आप नाराज ! भाई मेरो नेह की, रख लेना ये लाज !! भ्रात - बहन के बीच मे,रहे हमेशा प्यार ! दर्शाता है ये हमें, ......राखी का त्यौहार !!