मूर्तिकार ने ढे़रों गणपति बनाकर धूप में रखे उसमें कुछ अधबने भी थे । तभी अचानक जोरकी बारिश आ गई ।
पूरा परिवार जल्दी जल्दी मूर्तियों को समेटने में लग गया । समेटते समेटते सब भींग गये । गृहिणी ने आदेश
किया " सबलोग सर पोंछ लें और कपड़े बदल लें।"
तभी ख्याल आया " रोहन कहां है । " बाहर नजर दौड़ाई तो देख सात साल का रोहन अपना छोटू छाता लिए एक
अधबने नन्हें गणपति को बारिश से बचा रहा था,और खुद भींग रहा था । वो चिल्लाये " अंदर आजा रोहन । "
रोहन ने ना में हाथ हिलाया । तो मूर्तिकार ने दौड़कर उसे गोद में उठा लिया । रोहन ने विरोध किया "नहीं भगवान
भींग जाएंगे।" मूर्तिकार ने अनसुना करते हुए उसे धमकाया " भगवान तो दूसरा बना लेंगे तू बीमार हो गया तो
मुसीबत हो जाएगी ।"
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