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चाहे गीता ज्ञान हो,या हो वेद कुरान। हर मजहब पे है लिखा,होये सत्य जयगान।।१ सत्यमेव जय होत है,यही एक आधार। जो इस राहों मे चले,मिले प्रेम का सार।।२ निष्फल हो जाता सदा,अपनाये जो झूठ। कड़वी होती नीम सम,पियें सत्य का घूट।।३ जीवन में सच का सदा,घोलें यैसा घोल। हर राहों पे जीत की,अलग दिखाओ रोल।।४