![]() |
मुखपृष्ठ |
सब का मालिक एक है,क्या गुजरात बिहार | चारो-खाने चित हुई ,जनता की सरकार || पास अभी अनमोल ये,जनता का उपकार | देख समझ के बोलिये ,नाविक-खेवनहार || वे कहते कुछ दिन सही,सह गुजरात गुजार| अभी-अभी तो लौट हम,देखे रंग हजार || पास हमारे वोट हैं,करते तुम तकरार| मंजिल तक पहुचा गई ,हमको कंडम कार || मन में अदभुत शांति का ,आवे कभी विचार | दौरा कर गुजरात का ,विधायक ले उधार ||